कल्पना और उसकी (दोस्त) योनिका
युवा लड़कियों की दोस्ती के बंधन अक्सर बहुत गहरे होते हैं और हमारी ज़िन्दगी के सबसे प्रभावशाली और दिलचस्प रिश्तें बन जातें है। यूँ कह सकतें हैं की इन् रिश्तों में ही पहली बार हम अपने आप से मिलते है। यह कहानी है ऐसी ही दो ‘बेस्ट फ्रेंड्स’ की जो अपने दिन और रात साथ-साथ ख़यालों की उदेढ़-बुन में बिताती चली आ रहीं है।
एक है कल्पना - जिसे पसंद है कम से कम चलना और ज़्यादा से ज़्यादा शब्दों में बात करना।और दूसरी योनिका - जिसे पेड़ों पर चढ़ने और गिलहरियों से बातें करने की लत लगी है। कल्पना का है केवल एक ही सपना - औरत प्रतियोगिता में "औरत" है बनना। इस रंगीन दुनिया में, "औरत" का खिताब केवल उन चंद युवतियों द्वारा प्राप्त किया जाता है जो नारीत्व की भव्य प्रतियोगिता के सभी चरणों में सफल हो पाती हैं। लेकिन कल्पना बेचारी भरपूर कोशिश कर के भी अपने बचपने से दूर नहीं हो पा रही ह। इसी लिए प्रतियोगिता को जीतने के लिए कल्पना को अपनी प्रिय "योनी" के पूर्ण समर्थन की आवश्यकता है। लेकिन योनिका का दिमाग तो कहीं और ही व्यस्त है। या कहें किसी और ही में?
उन्नीसवीं सदी के प्रसिद्ध कलाकार राजा रवि वर्मा के मज़ेदार और रहस्यमय चित्रों से प्रेरित हास्य, गीत-संगीत और खेल कूद से भरे इस सफ़र में आपका स्वागत है!
भाषा हिंदुस्तानी
अभिनेता अर्चना पटेल और समृद्धि दीवान
‘लाइव’ संगीत भाग ओमकार पाटिल
लेखक और निर्देशक सौदामिनी कालरा
लाइट डिज़ाइन गुरलीन जज और त्रिनेत्र तिवारी
image courtesy @Deepali Apte, @Vikram Joshi